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नीट-यूजी और पूजा खेडकर विवाद के बीच अपनी परीक्षा प्रणाली में बदलाव करेगा यूपीएससी

Public Lokpal
July 25, 2024

नीट-यूजी और पूजा खेडकर विवाद के बीच अपनी परीक्षा प्रणाली में बदलाव करेगा यूपीएससी


नई दिल्ली : आधार-आधारित फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण, उम्मीदवारों की चेहरे की पहचान और लाइव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित सीसीटीवी निगरानी उन उपायों में से हैं जिन्हें संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) अब अपनी परीक्षाओं के दौरान “धोखाधड़ी, जालसाजी, अनुचित साधनों और प्रतिरूपण” को रोकने के लिए शुरू करने की योजना बना रहा है।

यह घटनाक्रम प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के मामले के मद्देनजर आया है, जो सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए उपस्थिति मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए कथित तौर पर “अपनी पहचान को गलत तरीके से पेश करने” के लिए यूपीएससी जांच का सामना कर रही हैं। 

यूपीएससी की योजना भी राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा नीट-यूजी परीक्षा सहित परीक्षाओं के संचालन को लेकर विवाद के बाद आई है।

यूपीएससी ने अब अपने द्वारा आयोजित परीक्षाओं के दौरान प्रौद्योगिकी सेवाएं प्रदान करने के लिए सार्वजनिक उपक्रमों से बोलियां आमंत्रित की हैं। आयोग द्वारा हाल ही में जारी निविदा में जिन सेवाओं को सूचीबद्ध किया गया है, उनमें आधार-आधारित फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण (अन्यथा डिजिटल फिंगरप्रिंट कैप्चरिंग) और उम्मीदवारों की चेहरे की पहचान; ई-एडमिट कार्ड की क्यूआर कोड स्कैनिंग, तथा लाइव एआई-आधारित सीसीटीवी निगरानी सेवा शामिल हैं।

निविदा दस्तावेजों में यह भी कहा गया है कि परीक्षा कार्यक्रम, परीक्षा स्थलों की विस्तृत सूची, तथा प्रत्येक स्थल के लिए अभ्यर्थियों की संख्या यूपीएससी द्वारा इन प्रौद्योगिकी सेवाओं के प्रदाता को परीक्षा से दो से तीन सप्ताह पहले “ऑन-साइट तैयारी” के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। यूपीएससी फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण तथा चेहरे की पहचान में उपयोग के लिए परीक्षा से सात दिन पहले अभ्यर्थियों का विवरण (नाम, रोल नंबर, फोटो आदि) भी उपलब्ध कराएगा।

सेवा प्रदाता को प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर पर्याप्त जनशक्ति के साथ क्यूआर कोड स्कैनर-एकीकृत हैंड-हेल्ड डिवाइस तैनात करनी होगी तथा यूपीएससी द्वारा उपलब्ध कराए गए डेटाबेस से अभ्यर्थियों का विवरण स्वतः प्राप्त करने के लिए एडमिट कार्ड पर क्यूआर कोड को स्कैन किया जाएगा।

दस्तावेज में कहा गया है, “यूपीएससी द्वारा निर्धारित मुख्य परीक्षा/साक्षात्कार/सत्यापन प्रक्रिया के समय, सेवा प्रदाता को परीक्षा के प्रारंभिक चरणों के दौरान कैप्चर किए गए अभ्यर्थियों के डेटा से अभ्यर्थियों की पहचान सत्यापित करनी होगी।”

प्रत्येक परीक्षा हॉल या कमरे में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं, ताकि “आयोग की परीक्षा आयोजित करने के लिए तैनात उम्मीदवारों और अन्य व्यक्तियों की विभिन्न गतिविधियों पर नज़र रखी जा सके।” 

निविदा दस्तावेजों के अनुसार, सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) सहित यूपीएससी एक वर्ष में 14 परीक्षाएँ आयोजित करता है, साथ ही भारत सरकार के ग्रुप ‘ए’ और ग्रुप ‘बी’ पदों पर भर्ती के लिए भर्ती परीक्षाएँ और साक्षात्कार भी आयोजित करता है।

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