post
post
post
post
post
post
post
post
post
post

मोदी-स्टार्मर वार्ता में आतंकवाद, ब्रिटेन में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों पर चर्चा होने की संभावना

Public Lokpal
July 23, 2025

मोदी-स्टार्मर वार्ता में आतंकवाद, ब्रिटेन में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों पर चर्चा होने की संभावना


नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटेन के उनके समकक्ष केअर स्टार्मर के बीच बृहस्पतिवार को होने वाली वार्ता में भारत के समक्ष सीमा पार आतंकवाद की चुनौती, ब्रिटेन में खालिस्तान समर्थक तत्वों की गतिविधियां और कुछ अरबपति भगोड़ों का प्रत्यर्पण जैसे मुद्दे प्रमुखता से उठ सकते हैं।

दो देशों की यात्रा के पहले चरण में मोदी बुधवार को लंदन जाएगे, जहां वह मुख्य रूप से द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के उपायों पर विचार करेंगे तथा महत्वाकांक्षी भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर के साक्षी बनेंगे। ब्रिटेन की यात्रा के बाद मोदी मालदीव जाएंगे।

मंगलवार को यहां प्रेस वार्ता में विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि मोदी की यात्रा सीमापार आतंकवाद जैसे मुद्दों पर विचार साझा करने और ऐसी चुनौतियों का दृढ़तापूर्वक जवाब देने की आवश्यकता पर विचार करने का एक अवसर होगा।

एक प्रश्न के उत्तर में, विदेश सचिव ने पहलगाम हमले को अंजाम देने में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के एक मुखौटा संगठन द रेजिस्टेंस फोर्स (टीआरएफ) की भूमिका का भी उल्लेख किया।

उन्होंने उल्लेख किया कि अमेरिकी विदेश विभाग ने हाल में टीआरएफ को एक विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया है।

मिसरी ने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि हमारे ब्रिटिश सहयोगियों को इस घटनाक्रम की जानकारी है, लेकिन इससे हमें सीमापार आतंकवाद जैसे मुद्दों पर आगे विचार साझा करने तथा ऐसी चुनौतियों का दृढ़तापूर्वक जवाब देने की आवश्यकता पर विचार करने का अवसर मिलेगा।’

यह पूछे जाने पर कि क्या भारतीय पक्ष विजय माल्या, नीरव मोदी और ललित मोदी जैसे भगोड़ों के प्रत्यर्पण का मुद्दा उठाएगा, विदेश सचिव ने कहा कि यह दोनों पक्षों के बीच चर्चा का विषय रहा है। उन्होंने कहा, ‘ये दोनों पक्षों के बीच चर्चा का विषय रहे हैं और हम इन भगोड़ों को भारत को सौंपने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।’

उन्होंने कहा, ‘दूसरे देश में ऐसे अनुरोधों और ऐसे मुद्दों के लिए एक कानूनी प्रक्रिया होती है, तथा हम इन मामलों पर ब्रिटेन में अपने साझेदारों के साथ बहुत निकटता से संपर्क बनाए रखते हैं।’

एक प्रश्न के उत्तर में, विदेश सचिव ने पहलगाम हमले को अंजाम देने में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के एक मुखौटा संगठन द रेजिस्टेंस फोर्स (टीआरएफ) की भूमिका का भी उल्लेख किया।

उन्होंने उल्लेख किया कि अमेरिकी विदेश विभाग ने हाल में टीआरएफ को एक विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया है।

मिसरी ने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि हमारे ब्रिटिश सहयोगियों को इस घटनाक्रम की जानकारी है, लेकिन इससे हमें सीमापार आतंकवाद जैसे मुद्दों पर आगे विचार साझा करने तथा ऐसी चुनौतियों का दृढ़तापूर्वक जवाब देने की आवश्यकता पर विचार करने का अवसर मिलेगा।’

यह पूछे जाने पर कि क्या भारतीय पक्ष विजय माल्या, नीरव मोदी और ललित मोदी जैसे भगोड़ों के प्रत्यर्पण का मुद्दा उठाएगा, विदेश सचिव ने कहा कि यह दोनों पक्षों के बीच चर्चा का विषय रहा है। उन्होंने कहा, ‘ये दोनों पक्षों के बीच चर्चा का विषय रहे हैं और हम इन भगोड़ों को भारत को सौंपने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।’

उन्होंने कहा, ‘दूसरे देश में ऐसे अनुरोधों और ऐसे मुद्दों के लिए एक कानूनी प्रक्रिया होती है, तथा हम इन मामलों पर ब्रिटेन में अपने साझेदारों के साथ बहुत निकटता से संपर्क बनाए रखते हैं।’

विदेश सचिव ने यह भी संकेत दिया कि भारत ब्रिटेन में खालिस्तानी चरमपंथियों की गतिविधियों का मुद्दा उठा सकता है। उन्होंने कहा, ‘खालिस्तानी चरमपंथियों और उनसे जुड़े करीबी संगठनों की मौजूदगी का मुद्दा एक बार फिर हमने ब्रिटेन में अपने सहयोगियों के ध्यान में लाया है।’

मिसरी ने कहा, ‘हम ऐसा करना जारी रखेंगे। यह न केवल हमारे लिए चिंता का विषय है, बल्कि यह हमारे साझेदारों के लिए भी चिंता का विषय होना चाहिए, क्योंकि इससे अन्य देशों में भी सामाजिक सामंजस्य और सामाजिक व्यवस्था प्रभावित होती है।’

NEWS YOU CAN USE

Top Stories

post
post
post
post
post
post
post
post
post
post
post
post

Advertisement

Pandit Harishankar Foundation

Videos you like

Watch More