BIG NEWS
- भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग में क्रांति लाने वाले ओसामु सुजुकी का 94 वर्ष की आयु में निधन
- भारत के आर्थिक सुधारों की शुरुआत करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन
- भाजपा को 2023-24 में 2,600 करोड़ रुपये से अधिक जबकि कांग्रेस को 281 करोड़ रुपये मिला दान: चुनाव आयोग की रिपोर्ट
- केंद्र ने कक्षा 5 और 8 के लिए ‘नो-डिटेंशन’ नीति को खत्म किया, दिया सुधारात्मक उपायों पर जोर
- सोरेन की ‘मईयां सम्मान योजना’ के तहत 55 लाख महिलाओं को वित्तीय सहायता का इंतजार
- महाकुंभ में 360 डिग्री व्यू वाला पहला 'डोम सिटी', गरीबों की पहुंच से बाहर
पूर्व बॉडीगार्ड और अब योगी सरकार में मंत्री ने कुछ यूं याद कर दी डॉ. मनमोहन सिंह को भावपूर्ण श्रद्धांजलि
Public Lokpal
December 27, 2024
पूर्व बॉडीगार्ड और अब योगी सरकार में मंत्री ने कुछ यूं याद कर दी डॉ. मनमोहन सिंह को भावपूर्ण श्रद्धांजलि
नई दिल्ली: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का कल रात 9:51 बजे दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। 92 वर्षीय राजनेता दिल्ली में अपने आवास पर उम्र संबंधी बीमारियों का इलाज करवा रहे थे।
देश भर के नेताओं और हस्तियों ने गहरा दुख व्यक्त किया है और देश के लिए डॉ. सिंह के योगदान को श्रद्धांजलि दी है।
हार्दिक यादें साझा करने वालों में उत्तर प्रदेश सरकार में समाज कल्याण, अनुसूचित जाति और जनजाति कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण भी शामिल हैं।
पूर्व आईपीएस अधिकारी अरुण ने 2004 से तीन साल तक डॉ. सिंह के बॉडीगार्ड के रूप में भी काम किया है। एक भावुक सोशल मीडिया पोस्ट में, अरुण ने एक निजी किस्सा सुनाया जो डॉ. सिंह की सादगी और आम लोगों के लिए उनकी गहरी चिंता को उजागर करता है।
अरुण ने डॉ. सिंह के व्यावहारिक स्वभाव के बारे में एक मार्मिक स्मृति साझा की। उन्होंने लिखा, " मैं 2004 से लगभग तीन साल उनका बॉडी गार्ड रहा। एसपीजी में पीएम की सुरक्षा का सबसे अंदरुनी घेरा होता है - क्लोज़ प्रोटेक्शन टीम जिसका नेतृत्व करने का अवसर मुझे मिला था। एआईजी सीपीटी वो व्यक्ति है जो पीएम से कभी भी दूर नहीं रह सकता। यदि एक ही बॉडी गार्ड रह सकता है तो साथ यह बंदा होगा। ऐसे में उनके साथ उनकी परछाई की तरह साथ रहने की जिम्मेदारी थी मेरी”।
पूर्व आइपीएस अरुण ने आगे लिखा है, “डॉ साहब की अपनी एक ही कार थी - मारुति 800, जो पीएम हाउस में चमचमाती काली बीएमडब्ल्यू के पीछे खड़ी रहती थी। मनमोहन सिंह जी बार-बार मुझे कहते- असीम, मुझे इस कार में चलना पसंद नहीं, मेरी गड्डी तो यह है (मारुति)। मैं समझाता कि सर यह गाड़ी आपके ऐश्वर्य के लिए नहीं है, इसके सिक्योरिटी फीचर्स ऐसे हैं जिसके लिए एसपीजी ने इसे लिया है। लेकिन जब कारकेड मारुति के सामने से निकलता तो वे हमेशा मन भर उसे देखते। जैसे संकल्प दोहरा रहे हो कि मैं मिडिल क्लास व्यक्ति हूं और आम आदमी की चिंता करना मेरा काम है। करोड़ों की गाड़ी पीएम की है, मेरी तो यह मारुति है”।
बता दें कि गुरुवार शाम को डॉ. सिंह अचानक बेहोश हो गए और उन्हें रात करीब 8 बजे एम्स ले जाया गया। डॉक्टरों द्वारा उन्हें बचाने के प्रयासों के बावजूद, सभी प्रयास असफल साबित हुए और रात 9:51 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।