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मद्रास HC ने 'सनातन धर्म' टिप्पणी पर उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ खारिज कर दी याचिका
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March 06, 2024 | Updated: March 06, 2024
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मद्रास HC ने 'सनातन धर्म' टिप्पणी पर उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ खारिज कर दी याचिका
नई दिल्ली : मद्रास उच्च न्यायालय ने बुधवार को तमिलनाडु के मंत्रियों उदयनिधि स्टालिन और शेखर बाबू की 'सनातन धर्म' पर टिप्पणियों को लेकर विधायकों के रूप में बने रहने को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज कर दीं।
न्यायमूर्ति अनीता सुमंत ने कहा कि 'सनातन धर्म' की तुलना एचआईवी, मलेरिया और डेंगू से करके स्टालिन ने संवैधानिक सिद्धांतों के खिलाफ काम किया और गलत सूचना फैलाई।
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले सोमवार को स्टालिन को उनकी विवादास्पद टिप्पणी कि 'सनातन धर्म' को देश से "उन्मूलन" कर देना चाहिए, के लिए फटकार लगाई थी और कहा था कि उन्होंने अपने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकारों का दुरुपयोग किया है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ उदयनिधि की याचिका पर सुनवाई कर रही थी कि उनकी टिप्पणियों पर विभिन्न राज्यों में दर्ज एफआईआर को एक साथ जोड़ दिया जाए क्योंकि उन सभी में कार्रवाई का कारण एक ही था।
स्टालिन ने 2 सितंबर, 2023 को चेन्नई में तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स आर्टिस्ट एसोसिएशन द्वारा आयोजित 'सनातन उन्मूलन सम्मेलन' नामक एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की।