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मुंबई में घर खरीदना है? यह रिपोर्ट देश के 100 फीसद को दे सकती है बड़ा झटका !

Public Lokpal
June 26, 2025

मुंबई में घर खरीदना है? यह रिपोर्ट देश के 100 फीसद को दे सकती है बड़ा झटका !


मुंबई : अगर आपको लगता है कि घर खरीदना सिर्फ मध्यम वर्ग के लिए मुश्किल है, तो एक बार फिर सोचिए। मुंबई जैसे शहर में घर खरीदना देश के शीर्ष 5% अमीर परिवारों के लिए भी एक सपना है, जिसे पूरा करने में उन्हें पूरा जीवन भी कम पड़ सकता है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र के शीर्ष 5% शहरी परिवारों को मुंबई में एक औसत आकार (1,184 वर्ग फीट) का घर खरीदने के लिए करीब 109 साल तक बचत करनी होगी। इतना ही नहीं, शीर्ष अमीर परिवार हरियाणा के गुरुग्राम में 63 साल और ओडिशा के भुवनेश्वर में 50 साल की बचत के बाद ही घर खरीद पाएंगे।

यह अनुमान कैसे लगाया गया? 

रिपोर्ट में राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की राजधानी में एक औसत आकार के घर (1,184 वर्ग फीट) की कीमत की तुलना उस राज्य के शहरी क्षेत्र के शीर्ष 5% लोगों की आय से की गई है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि घर खरीदने के लिए कितने वर्षों की बचत करनी होगी। 

उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र में शीर्ष 5% शहरी परिवारों की मासिक प्रति व्यक्ति खपत (एमपीसीई) 22,352 रुपये है। 

चार सदस्यों वाले परिवार की कुल आय है: 89,408 रुपये प्रति माह या 10.7 लाख रुपये सालाना। 

भारत की सकल बचत दर 30.2% मानते हुए, इस आय वर्ग की वार्षिक बचत लगभग 3.2 लाख रुपये होने का अनुमान है। वहीं, एनएचबी के आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2025 में मुंबई में औसत घर की कीमत 29,911 रुपये प्रति वर्ग फीट थी। यानी 1,184 वर्ग फीट के घर की कीमत 3.5 करोड़ रुपये से अधिक होगी। इस प्रकार, सालाना 3.2 लाख रुपये की बचत करने वाले परिवार को यह घर खरीदने में 109 साल लगेंगे।

कहां सबसे आसान है और कहां सबसे मुश्किल?

चंडीगढ़ देश का सबसे किफायती राजधानी शहर निकला, जहां 1,184 वर्ग फुट का घर सिर्फ 15 साल की बचत में खरीदा जा सकता है।

जयपुर एक और शहर है, जहां घर खरीदने का सपना 20 साल से भी कम समय में पूरा हो सकता है।

लेकिन 21 राज्यों की राजधानियों में से 10 में घर खरीदने के लिए 30 साल से भी ज्यादा की बचत की जरूरत होती है।

घरों की कीमतें इतनी ज्यादा क्यों हैं?

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि प्रमुख शहरों में जमीन की कमी, लगातार बढ़ती आबादी, बढ़ते निवेश के रुझान और अनियंत्रित रियल एस्टेट के कारण आवासीय घरों की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं।

मुंबई जैसे शहरों में किराया देना आम लोगों के लिए चुनौती है - वहां घर खरीदना अब सुपर-रिच का मामला बनता जा रहा है।

यदि आप घर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यह समझना महत्वपूर्ण है कि आपकी आय, बचत क्षमता और ऋण पात्रता को मिलाकर ही व्यावहारिक योजना बनाई जा सकती है।

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