सभी खाद्य और कपड़े से जुड़ी चीजों की जीएसटी पर हो सकती है कटौती, हो रहा है विचार

Public Lokpal
August 26, 2025

सभी खाद्य और कपड़े से जुड़ी चीजों की जीएसटी पर हो सकती है कटौती, हो रहा है विचार
नई दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद अगले महीने की शुरुआत में अपनी बैठक में कथित तौर पर सभी खाद्य और कपड़ा उत्पादों को 5 प्रतिशत जीएसटी स्लैब में लाने के प्रस्ताव पर चर्चा करेगी। परिषद सीमेंट सहित कई वस्तुओं और सैलून व ब्यूटी पार्लर जैसी जन उपभोग सेवाओं पर जीएसटी में कटौती की योजना पर भी चर्चा कर सकती है। सरकार कर व्यवस्था को सरल बनाने और वर्गीकरण संबंधी सभी चिंताओं को दूर करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, सीमेंट पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। निर्माण और बुनियादी ढांचा क्षेत्र की यह लंबे समय से मांग रही है और इससे अंतिम ग्राहकों की लागत कम होने की उम्मीद है।
सरकार कुछ आम तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली सेवाओं पर जीएसटी दरों का भी मूल्यांकन कर रही है ताकि यह देखा जा सके कि क्या उन्हें 18 प्रतिशत के स्लैब से घटाकर 5 प्रतिशत किया जा सकता है। छोटे सैलून इस दर से मुक्त हैं, लेकिन मध्यम और उच्च श्रेणी के सैलून पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है जिसका असर उनके ग्राहकों पर पड़ता है।
सेवा की पहुँच बढ़ाने के प्रयास में, व्यक्तियों द्वारा खरीदी गई टर्म इंश्योरेंस और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर जीएसटी शून्य होगा। साथ ही, 4 मीटर तक लंबी छोटी कारों पर 18 प्रतिशत और बड़ी कारों पर 40 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक 3 और 4 सितंबर, 2025 को नई दिल्ली में होगी। दोनों दिन सत्र सुबह 11 बजे शुरू होंगे। परिषद की बैठक से पहले, 2 सितंबर, 2025 को राष्ट्रीय राजधानी में ही अधिकारियों की एक बैठक निर्धारित है।
विस्तृत एजेंडा और स्थान की घोषणा अभी बाकी है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि केंद्र का लक्ष्य दशहरा-दिवाली त्योहारी सीज़न से पहले जीएसटी दरों में कटौती लागू करना है। इस साल दिवाली 21 अक्टूबर को मनाई जाएगी। यह कदम त्योहारी मांग के दौर से पहले उपभोक्ताओं और व्यवसायों को राहत प्रदान कर सकता है।
दरों को युक्तिसंगत बनाने पर गठित मंत्रिसमूह (जीओएम) ने 21 अगस्त को अपनी बैठक में केंद्र के दोहरे जीएसटी दर ढांचे के प्रस्ताव को जीएसटी परिषद के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्णय लिया। इस प्रस्ताव में 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो जीएसटी दरें शामिल हैं, जो मौजूदा 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत स्लैब की जगह लेंगी।