'विश्व पुस्तक दिवस' आज, क्यों मनाते हैं किताबों का यह दिन? जानें

Public Lokpal
April 23, 2023

'विश्व पुस्तक दिवस' आज, क्यों मनाते हैं किताबों का यह दिन? जानें


कहते हैं किताबें इंसानों के सबसे सच्ची और पक्की दोस्त होती हैं। पुराने ज़माने में अन्य भाषाओं की किताबों का इच्छित भाषाओं में अनुवाद कर उनसे ज्ञान प्राप्त करने के लिए बाक़ायदा एक अनुवाद विभाग भी होते थे। आज भी दुनिया भर में हर साल लाखों किताबें प्रकाशित होती हैं। ये किताबें हर वर्ग के मन मुताबिक टेस्ट के अनुरूप होती हैं। इनमें कभी काल्पनिकता की भरमार होती है तो कभी सच को आइना दिखते विषय भी होते हैं। 

आज इंटरनेट के युग में जबकि छोटे बच्चों से लेकर बड़े बूढ़ों के हाथ में मोबाइल ने जगह ले ली है, और उनमें अक्षरों की अपेक्षा गेम्स और वीडियो हावी हो गए हैं, किताबों की महत्ता पर बुरा प्रभाव पड़ा है। 

फर्जी जानकारियों से भरे यूट्यूब चैनलों का सामना करने के लिए आज तथ्यों से भरपूर किताबों के लिखे जाने, प्रकाशित होने और पढ़े जाने की जरुरत सबसे ज्यादा है। अब आप खुद ही याद कीजिये कि आखिरी बार आपने या आपके बच्चों ने कक्षा से इतर कौन सी किताब पढ़ी थी!

फ़िलहाल, आज पूरा विश्व किताब दिवस मना रहा है। आइये जानते हैं, क्या है 'विश्व पुस्तक दिवस' और इसकी महत्ता 

यूनेस्को हर साल 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस मनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का आह्वान करता है। यह दिन किताबों को "अतीत और भविष्य के बीच की कड़ी, पीढ़ियों और संस्कृतियों के बीच एक सेतु" के रूप में चिह्नित करता है। यही नहीं, 23 अप्रैल यानी पुस्तक दिवस पर यूनेस्को पाठकों को किताबों की शक्ति और आनंद का जश्न मनाने के प्रति प्रेरित भी करता है।

इस दिन, यूनेस्को पुस्तक और पुस्तकालयों से जुड़ी महत्वपूर्ण कड़ियों 'लेखकों, प्रकाशकों, पुस्तक विक्रेताओं और पुस्तकालयों' के प्रति सम्मान व आदर व्यक्त करता है।

विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस

23 अप्रैल विश्व साहित्य में एक प्रतीकात्मक तिथि है। यह वह तारीख है जिस दिन कई प्रमुख लेखकों, विलियम शेक्सपियर, मिगुएल डे सर्वेंट्स और इंका गार्सिलसो डे ला वेगा की मृत्यु हुई थी। यह तिथि 1995 में पेरिस में आयोजित यूनेस्को के सामान्य सम्मेलन के लिए एक स्वाभाविक पसंद थी, इस तिथि पर पुस्तकों और लेखकों को विश्वव्यापी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए, सभी को पुस्तकों तक पहुँचने के लिए प्रोत्साहित करने का लक्ष्य रखा गया।

beenapandey.blogspot.com से साभार