तो इसलिए राम मंदिर को मुख्य मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ रही भाजपा हार गई अयोध्या

Public Lokpal
June 05, 2024

तो इसलिए राम मंदिर को मुख्य मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ रही भाजपा हार गई अयोध्या


अयोध्या : राम मंदिर के अभिषेक के बमुश्किल चार महीने बाद भारतीय जनता पार्टी फैजाबाद लोकसभा सीट हार गई।भाजपा की प्रमुख वैचारिक परियोजनाओं में से एक और इस चुनाव के सबसे बड़ा तुरुप का इक्का रहा राम मंदिर निर्माण का मुद्दा इस बार फ़िलहाल अयोध्या में कारगर नहीं रहा। यहां तक ​​कि एक ऐसे चुनाव के लिए जिसने सभी एग्जिट पोल की भविष्यवाणियों को झुठला दिया और भाजपा को 370 सीटों के अपने लक्ष्य से काफी पीछे रह गया, अयोध्या में हार विशेष रूप से स्पष्ट थी। 

स्थानीयों का कहना है कि सपा ने एक दलित चेहरे को टिकट देकर बसपा के वोटर को अपनी तरफ कर लिया। नौ बार विधायक रह चुके अवधेश प्रसाद सपा के प्रमुख दलित चेहरों में से एक हैं। उन्होंने तीसरी बार फिर से निर्वाचित होने की कोशिश कर रहे लल्लू सिंह को 54,567 मतों के अंतर से हराया।

भाजपा की असाधारण हार में बेरोजगारी, महंगाई, भूमि अधिग्रहण और "संविधान में बदलाव" की बातें शामिल हैं।

गौरतलब है कि चुनावों से पहले, निवर्तमान सांसद लल्लू सिंह उन भाजपा नेताओं में से थे जिन्होंने कहा था कि पार्टी को "संविधान बदलने" के लिए 400 सीटों की ज़रूरत है।

इसके अलावा पेपर लीक भी एक बड़ा कारण रहा। स्थानीयों के मुताबिक लल्लू सिंह ने राम मंदिर और राम पथ (अयोध्या जाने वाली चार सड़कों में से एक) कि आड़ में अपनी विफलताओं को छिपाने के अलावा यहाँ कोई काम नहीं किया।

कहते हैं कि हो सकता है राम मंदिर की भव्यता ने बाहरी लोगों को प्रभावित किया हो, लेकिन शहर के निवासी असुविधा से नाखुश थे।

इसके अलावा मंदिर व एयरपोर्ट निर्माण के दौरान ली गई जमीनों का मुआवजा हो या स्थानीय दुकानदारों की दुकानों का विध्वंस करके उन्हें अन्य जगहों पर बसाने का वादा हो, भाजपा ने इनमें से कोई भी पूरा नहीं किया, नतीजा लोगों में इसे लेकर काफी नाराजगी रही। यह नाराजगी भी एक कारण है जिसने अयोध्या में ही भाजपा का रथ रोक लिया।