कहीं अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प पर भारी ना पड़ें एलन मस्क !

Public Lokpal
February 25, 2025

कहीं अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प पर भारी ना पड़ें एलन मस्क !


(लेखक पत्रकार हर्ष वर्धन द्विवेदी के वॉल से )

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कोई राजनीतिक पृष्ठ भूमि नहीं रही है , ना वह किसी शहर के मेयर,  राज्य के गवर्नर या फिर प्रांतीय या नेशनल पार्लियामेंट -असेंबली के सदस्य रहे हैं। पहली बार राष्ट्रपति बनने से पहले  वह अमेरिका के प्रसिद्ध उद्योगपति - व्यापारी के हैसियत से ही जाने जाते थे और उद्योगपति से सीधे चुनाव लड़कर राष्ट्रपति बने।

उनके ऊपर टैक्स चोरी का इल्जाम भी लगा , जिसका जवाब उन्होंने अपने पहले कार्यकाल के लिए हो रहे राष्ट्रपति चुनाव में प्रेसिडेंशियल डिबेट के दौरान अपनी प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन को बहुत ही सटीकता से देते हुए कहा था कि: " यदि मैने टैक्स के लिए हेराफेरी करके अपनी कंपनी के लिए पैसा बचाया है तो इसका मतलब है मैं कितना स्मार्ट हूं "।

ऐसे व्यापारियों को राष्ट्र प्रमुख बनता देख मुंशी प्रेमचन्द की कही बात याद आती है - “ सभी नियम पूँजीपतियों के लिए बनाये गये हैं और पूँजीपतियों को ही यह निश्चय करने का अधिकार दिया गया है कि उन नियमों का व्यवहार कहाँ करें?”

इधर हाल  में समाचार पत्रों में प्रकाशित न्यूज के अनुसार ट्रंप की कंपनी का व्यवसाय तीव्र गति से 

बढ़ रहा है और आने वाले चार सालों में नई उच्चाइयों को छू लेगा , इसमें भी कोई शंका नहीं है। 

दूसरी ओर ट्रम्प के साथ उद्योगपतियों की रैंकिंग में वर्ल्ड के अव्वल नंबर पर रहने वाले एलन मस्क हैं,जिन्होंने ट्रंप को जिताने के लिए चुनाव में करोड़ों डॉलर का केवल इनाम ही बांट डाला था। 

रिटर्न गिफ्ट के तौर पर एलन मस्क को ट्रंप प्रशासन में बड़े सरकारी पद से नवाजा गया है, जिसे DOGE  (डिपार्टमेंट ऑफ़ गवर्नेंस एफिशिएंसी ) के नाम  से जाना जाता है । 

इस डिपार्टमेंट के हाल के दिनों में कुछ ऐसे फैसले रहे हैं जिसने अमेरिकन ब्यूरोक्रेट्स की नींद उड़ा दी है। अभी इस डिपार्टमेंट ने शीर्ष के ब्यूरोक्रेट्स और सरकारी महकमों को मेल के ज़रिये यह निर्देश दिया है कि उन्होंने क्या क्या काम किए हैं उसका ब्योरा मेल के जवाब के रूप में भेजें और  अगर मेल का जवाब इन सरकारी कर्मचारियों की  तरफ़ से नहीं आता है तो उनकी सेवा समाप्त की जा सकती है क्योंकि एलन मस्क के मातहत इस डिपार्टमेंट ने अपने ईमेल का जवाब न देने पर अधिकारियों को इस्तीफ़ा देने को कहा है।

ऐसा ही निर्देश फ़ेडरल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टीगेशन (एफबीआई), जो देश की सर्वोच्च जाँच एजेंसी है , उसके प्रमुख और दूसरे अधिकारियों को भी भेजा गया है , जिसका जवाब एफबीआई प्रमुख ने न तो स्वयं दिया और न ही अपने डिपार्टमेंट के कर्मचारियों को देने दिया। एफबीआई चीफ की नियुक्ति राष्ट्रपति ट्रम्प ने ख़ुद की है। 

एक तरह से यह ट्रम्प द्वारा नियुक्त एफबीआई चीफ (डायरेक्टर)काश पटेल और एलन मस्क के बीच तनातनी को दर्शाता है। यही नहीं ,ऐसा लगता है की जिस एलन मस्क को  ट्रम्प ने अपना नंबर दो बनाया है वह उन्हें ही चुनौती देने लगा है । देखा जाय तो मस्क आज ट्रंप प्रशासन में उनके बाद सेकंड सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण शख्स हैं, अमेरिकी उपराष्ट्रपति से भी ज़्यादा पावरफुल..।

न्यूज रिपोर्ट के अनुसार एलन मस्क ने अपनी कम्पनियों की ऑडिट करने वाले अधिकारियों को उनके पद से मुक्त कर दिया है, एवं कम्पनियों पर हो रहे जांच को भी रोक दिया है। एक तरफ़ ट्रम्प का मिशन - “लेट्स मेक अमेरिका ग्रेट अगेन “ है और दूसरी तरफ़ एलन मस्क की मनमानियाँ!

 हाल ही में हुए एलन मस्क एवं मोदी के बीच मुलाकात के बाद भारत सरकार ने उनकी कंपनी टेस्ला को उसके शर्तों पर कार्य करने के लिए अपनी स्वीकृति दे दी है, ऐसा बताया जा रहा है ।

ऐसे में लगता यही है कि उद्योगपति डोनाल्ड ट्रंप की तरह उद्योगपति एलन मस्क ने भी एक दिन अमेरिका का राष्ट्रपति बनने का ख़्वाब सजा रखा है और इस मंसूबे में  कहीं वह ट्रम्प पर ही ना भारी पड़े।

एलन कहीं ट्रम्प के लिए अंधक तो साबित नहीं होगा ? अंधक का जन्म माता पार्वती के पसीने से हुआ था, भगवान शिव ने उस बच्चे को दैत्यराज हिरण्याक्ष को दे दिया। अन्धक ने ब्रह्मा जी से अपना वध न होने का एक जटिल वरदान माँगा था लेकिन बाद में वह माँ पार्वती पर ही मोहित हो गया और यही बेवकूफी उसकी मृत्यु का कारण बनी। बाद में अन्धक का वध भगवान शिव ने अपने त्रिशूल से किया था।

कहीं ऐसा ही एलन मस्क और ट्रम्प के इस प्रसंग में भी ना हो !