बिहार विधानसभा चुनाव 2025: मतदाता सूची में संशोधन शुरू, केवल चुनिंदा दस्तावेज ही स्वीकार किए जाएंगे


Public Lokpal
July 04, 2025


बिहार विधानसभा चुनाव 2025: मतदाता सूची में संशोधन शुरू, केवल चुनिंदा दस्तावेज ही स्वीकार किए जाएंगे
पटना: बिहार में आगामी महीनों में बहुप्रतीक्षित विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में चुनाव आयोग ने राज्य की मतदाता सूची में विशेष गहन संशोधन की शुरुआत की है। चुनाव कार्यक्रम की औपचारिक घोषणा से पहले की जा रही इस कवायद का उद्देश्य मतदाता सूची की सटीकता सुनिश्चित करना है।
हालांकि, हाल के घटनाक्रमों से पता चला है कि बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) मतदाता सूची सत्यापन के उद्देश्य से आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस और मनरेगा कार्ड जैसे आम तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले पहचान दस्तावेजों को स्वीकार नहीं कर रहे हैं।
इससे लोगों के बीच सवाल उठने लगे हैं कि इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया के लिए कौन से दस्तावेज वैध माने जाएंगे।
बिहार में मतदाता सूची समीक्षा के लिए स्वीकार किए जाने वाले दस्तावेज
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतदाता पात्रता के सत्यापन के लिए बीएलओ केवल निम्नलिखित 11 विशिष्ट दस्तावेज ही स्वीकार करेंगे:
- नियमित सरकारी कर्मचारियों या पेंशनभोगियों को जारी किए जाने वाले पहचान पत्र।
- पासपोर्ट।
- 1 जुलाई 1987 से पहले बैंक, डाकघर, एलआईसी आदि द्वारा जारी प्रमाण पत्र।
- जन्म प्रमाण पत्र।
- मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय द्वारा जारी शैक्षिक प्रमाण पत्र।
- स्थायी निवास प्रमाण पत्र।
- वन अधिकार प्रमाण पत्र।
- जाति प्रमाण पत्र।
- राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) दस्तावेज।
- सरकारी भूमि या आवास आवंटन का प्रमाण।
- राज्य सरकार या स्थानीय प्राधिकरण द्वारा तैयार परिवार रजिस्टर।
बिहार में विपक्षी दलों ने मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया पर चिंता व्यक्त की है। उनका आरोप है कि सख्त दस्तावेज़ आवश्यकताओं के कारण बड़ी संख्या में पात्र मतदाता मतदाता सूची से बाहर हो सकते हैं।
उन्होंने इस कदम को महत्वपूर्ण चुनावों से पहले मतदाता पात्रता में हेरफेर करने का प्रयास करार दिया है।
जवाब में, चुनाव आयोग ने कहा है कि इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल पात्र नागरिक ही मतदाता सूची में शामिल हों, जिससे चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़े।
जैसे-जैसे राजनीतिक तनाव बढ़ता है और तैयारियाँ तेज़ होती जाती हैं, सभी की निगाहें चुनाव आयोग के अगले कदमों और चुनाव की तारीखों की आगामी घोषणा पर टिकी हैं।