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लड़की की मौत पर विरोध के बाद बंगाल के कालीगंज में निषेधाज्ञा लागू

Public Lokpal
April 23, 2023 | Updated: April 23, 2023

लड़की की मौत पर विरोध के बाद बंगाल के कालीगंज में निषेधाज्ञा लागू


कालीगंज (पश्चिम बंगाल) : पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले में कालीगंज के कुछ हिस्सों में रविवार को 17 वर्षीय एक लड़की की मौत को लेकर पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच झड़प के बाद सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो के नेतृत्व में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के प्रतिनिधियों के मृतक के परिवार से मिलने से कुछ घंटे पहले निषेधाज्ञा लागू की गई ।

अधिकारी ने कहा, “सीआरपीसी की धारा 144 के तहत एहतियात के तौर पर आज से एक पखवाड़े के लिए निषेधाज्ञा लागू की गई है, हालांकि अवधि समीक्षा के अधीन है। कानून के मुताबिक, हम चार या इससे ज्यादा लोगों के जमावड़े की अनुमति नहीं देंगे। उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी”।

हालांकि कानूनगो को एनसीपीसीआर के तीन अन्य प्रतिनिधियों के साथ लड़की के परिवार से मिलने की अनुमति दी गई। उनके साथ पुलिस भी थी।

बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए पश्चिम बंगाल आयोग ने आरोप लगाया कि कानूनगो और उनकी टीम ने "मामले का राजनीतिकरण" करने के लिए क्षेत्र का दौरा किया और वे सीपीसीआर अधिनियम का उल्लंघन कर रहे थे।

WBCPCR की चेयरपर्सन अनन्या चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि NCPCR टीम के दौरे की "बिल्कुल ज़रूरत नहीं थी"।

उन्होंने कहा, “एनसीपीसीआर ने सीपीसीआर अधिनियम का घोर उल्लंघन किया और राज्य को बदनाम करने के एकमात्र उद्देश्य से अवैध रूप से पश्चिम बंगाल में प्रवेश किया। निषेधाज्ञा का पूरी तरह से उल्लंघन करते हुए वे अपने साथ पत्रकारों की एक बड़ी टुकड़ी को मृतक के घर ले गए। यह शर्मनाक है। उन्हें हमें अपनी यात्रा के बारे में सूचित करना चाहिए था और मामले में हमारी प्रतिक्रिया लेनी चाहिए थी।'

इस बीच इलाके में पुलिस बल की भारी तैनाती के बीच कालीगंज में एक भयानक शांति व्याप्त है।

शुक्रवार को एक नहर से नाबालिग का शव बरामद होने के बाद पुलिस के साथ झड़प और तोड़फोड़ में शामिल होने के मामले में पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया है।

लड़की की मां द्वारा दायर शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

उत्तर दिनाजपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) एमडी सना अख्तर ने दावा किया कि प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि शरीर पर कोई चोट नहीं है।

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