BIG NEWS
- तृणमूल ने बीजेपी उम्मीदवार अभिजीत गंगोपाध्याय के खिलाफ चुनाव आयोग में दर्ज करायी शिकायत
- अब नेपाल ने भी एवरेस्ट, एमडीएच मसालों की बिक्री पर लगा दिया प्रतिबंध
- चार धाम यात्रा: मंदिरों के 50 मीटर के दायरे में 'रील बनाने' पर प्रतिबंध, 31 मई तक कोई वीआईपी दर्शन नहीं
- सरकार ने घटा दीं मधुमेह, लीवर और हृदय रोगों सहित 41 दवाओं की कीमतें
- एक बार फिर अमेरिका को मात देकर चीन बना भारत का शीर्ष व्यापार भागीदार!
पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों की भूमिका की नहीं होगी सीबीआई जाँच, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
Public Lokpal
April 29, 2024
पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों की भूमिका की नहीं होगी सीबीआई जाँच, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें शिक्षक भर्ती घोटाले में पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों की भूमिका की जांच करने के लिए सीबीआई को निर्देश दिया गया था।
शीर्ष अदालत राज्य संचालित और राज्य सहायता प्राप्त स्कूलों में स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) द्वारा की गई 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य करने वाले उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि वह इस मामले पर छह मई को सुनवाई करेगी।
पीठ ने कहा, ''हम उस निर्देश पर रोक लगाएंगे जिसमें कहा गया है कि सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) राज्य सरकार के अधिकारियों के खिलाफ आगे की जांच करेगी।''
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कहा था कि सीबीआई अवैध नियुक्तियों को समायोजित करने के लिए अतिरिक्त पद के सृजन को मंजूरी देने में राज्य सरकार में शामिल व्यक्तियों के संबंध में आगे की जांच करेगी।
इसमें कहा गया था कि यदि आवश्यक हुआ तो सीबीआई इसमें शामिल ऐसे लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ करेगी।
आदेश को चुनौती देते हुए राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत के समक्ष दायर अपनी अपील में कहा कि उच्च न्यायालय ने नियुक्तियों को "मनमाने ढंग से" रद्द कर दिया।
याचिका में कहा गया है, "उच्च न्यायालय पूरी चयन प्रक्रिया को रद्द करने के प्रभाव को समझने में विफल रहा, जिसके परिणामस्वरूप याचिकाकर्ता राज्य को ऐसी आपात स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त समय दिए बिना, तत्काल प्रभाव से शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को सीधे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया, जिससे शिक्षा प्रणाली ठप है''।