BIG NEWS
- कांग्रेस ने मोदी की 'बुलडोजर' वाली टिप्पणी पर चुनाव आयोग से की कार्रवाई की मांग, लोगों को भड़काने का आरोप
- स्वाति मालीवाल से मारपीट मामले में विभव कुमार गिरफ्तार
- तृणमूल ने बीजेपी उम्मीदवार अभिजीत गंगोपाध्याय के खिलाफ चुनाव आयोग में दर्ज करायी शिकायत
- अब नेपाल ने भी एवरेस्ट, एमडीएच मसालों की बिक्री पर लगा दिया प्रतिबंध
- चार धाम यात्रा: मंदिरों के 50 मीटर के दायरे में 'रील बनाने' पर प्रतिबंध, 31 मई तक कोई वीआईपी दर्शन नहीं
- सरकार ने घटा दीं मधुमेह, लीवर और हृदय रोगों सहित 41 दवाओं की कीमतें
- एक बार फिर अमेरिका को मात देकर चीन बना भारत का शीर्ष व्यापार भागीदार!
झारखंड के मंत्री के सचिव से जुड़ी घरेलू सहायक पर ईडी का छापा, भारी नकदी बरामद
Public Lokpal
May 06, 2024
झारखंड के मंत्री के सचिव से जुड़ी घरेलू सहायक पर ईडी का छापा, भारी नकदी बरामद
रांची : प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को दावा किया कि झारखंड के एक मंत्री के सचिव से कथित तौर पर जुड़े एक घरेलू सहायक के परिसरों की तलाशी के दौरान भारी मात्रा में "बेहिसाब" नकदी बरामद हुई है।
सूत्रों द्वारा साझा किए गए वीडियो और तस्वीरों में केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों को एक कमरे में बड़े बैग से नोटों की गड्डियां निकालते हुए दिखाया गया है। कुछ केंद्रीय बल के सुरक्षाकर्मी भी दिखे।
यह परिसर झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के घरेलू सहायक का बताया जाता है।
ईडी के सूत्रों ने कहा कि नकदी की सटीक राशि का पता लगाने के लिए गिनती की जा रही है, जो 20-30 करोड़ रुपये के बीच हो सकती है। सूत्रों ने कहा कि नकदी मुख्य रूप से 500 रुपये के मूल्यवर्ग में है और कुछ आभूषण भी बरामद किए गए हैं।
आलम (70) कांग्रेस नेता हैं और झारखंड विधानसभा में पाकुड़ सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं।
यह तलाशी ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार राम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ी है, उन्हें पिछले साल ईडी ने गिरफ्तार किया था।
एजेंसी ने पिछले साल जारी एक बयान में आरोप लगाया था, "रांची में ग्रामीण कार्य विभाग में मुख्य अभियंता के रूप में तैनात वीरेंद्र कुमार राम ने ठेकेदारों को निविदाएं आवंटित करने के बदले में उनसे कमीशन के नाम पर अपराध की आय अर्जित की थी।" इसके बाद अप्रैल में अधिकारी की 39 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई।
इसमें कहा गया है, "इस प्रकार अपराध से अर्जित आय का उपयोग वीरेंद्र कुमार राम और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा बहुत ही शानदार जीवन शैली जीने के लिए किया जाता था।"
राम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला झारखंड भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की एक शिकायत से जुड़ा है।