तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा के बाद विपक्ष पर जमकर बरसे पीएम, बुंदेलखंड को तबाह करने का लगाया इल्जाम

Public Lokpal
November 19, 2021

तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा के बाद विपक्ष पर जमकर बरसे पीएम, बुंदेलखंड को तबाह करने का लगाया इल्जाम


महोबा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पिछली राज्य और केंद्र सरकारों पर बुंदेलखंड क्षेत्र को लूटने वाले माफिया तत्वों को उसके संसाधन और जंगल सौंपकर तबाह करने का आरोप लगाया। सूखे बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी के अभाव को समाप्त करने के उद्देश्य से कई परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने यहां कहा, "दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सरकारों ने बारी-बारी से इस क्षेत्र को तबाह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।"

उन्होंने कहा 'यह बात किसी से छिपी नहीं है कि जंगलों और संसाधनों को माफिया के हवाले कर दिया गया। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने बुंदेलखंड के साथ जिस तरह का व्यवहार किया उसे यहां की जनता कभी नहीं भूल पाएगी। पीएम ने कहा कि नलकूप और हैंडपंप के नाम पर बहुत कुछ कहा और किया गया लेकिन पहले की सरकारों ने यह नहीं बताया कि भूजल के अभाव में पानी कैसे उपलब्ध कराया जा सकता है।

उन्होंने आगे कहा 'अब जब माफिया (तत्वों) के खिलाफ बुलडोजर का इस्तेमाल किया जा रहा है तो कुछ लोग हंगामा कर रहे हैं। लेकिन वे कुछ भी करने की कोशिश करें, यूपी और बुंदेलखंड का विकास नहीं रुकेगा।"

प्रधान मंत्री ने कहा, "सवाल यह है कि यह क्षेत्र, जो अतीत में जल संरक्षण के लिए एक उदाहरण था, पलायन और पानी से संबंधित समस्याओं का केंद्र कैसे बन गया।"

उन्होंने सवाल किया कि "लोग यहां अपनी बेटियों की शादी करने के लिए तैयार क्यों नहीं थे और यहां बेटियां चाहती थीं कि उनकी शादी उन इलाकों में हो जहां पानी है?" "परिवारवादी" सरकारों पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने यूपी के अधिकांश गांवों को दशकों तक प्यासा रखा लेकिन 'कर्मयोगियों' की सरकार ने दो साल में 30 लाख लोगों को नल का पानी दिया, मोदी ने उजाड़ क्षेत्र में योगी आदित्यनाथ सरकार के काम की सराहना की ।

उन्होंने कहा कि 'परिवारवावादियों' की सरकारों ने बच्चों और बेटियों को पीने के पानी की सुविधा से वंचित रखा लेकिन डबल इंजन वाली सरकार ने स्कूलों में अलग शौचालय बनवाए।

उन्होंने कहा कि उन्होंने किसानों के नाम पर घोषणाएं कीं, लेकिन उन तक एक पैसा नहीं पहुंचा। "तालाबों के नाम पर रिबन काटे गए लेकिन तटबंधों की खुदाई के काम में 'कमीशन' लिया गया और सूखा राहत कार्यों में भ्रष्टाचार था।

उन्होंने अपनी कार्य संस्कृति के उदाहरण के रूप में आज उनके द्वारा शुरू की गई अर्जुन सहायक परियोजना का उदाहरण देते हुए कहा, "सरकार में बैठे लोगों ने बुंदेलखंड को लूटा और पानी की एक-एक बूंद के लिए रोते हुए आपके परिवारों की परवाह किए बिना अपने परिवारों को लाभान्वित किया''।