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अपने सञ्चालन से पहले ही जालसाजी का अड्डा बन रहा है देवघर एयरपोर्ट

Public Lokpal
June 25, 2022

अपने सञ्चालन से पहले ही जालसाजी का अड्डा बन रहा है देवघर एयरपोर्ट


देवघर: बेरोजगारी भारत का सबसे बड़ा संकट है, लेकिन उससे कहीं बड़ा संकट हैं, रोजगार का झांसा देकर गरीब बेरोजगारों को ठगने वाले लोग। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं 12 जुलाई से उड़ानों के लिए खुलने वाले देवघर एयरपोर्ट की, जहाँ ग्राउंड स्टाफ में बहाली को लेकर स्थानीय रोजगार माफिया गरीब बेरोजगारों और उनके परिवारों से जमकर पैसे ऐंठ रहे हैं। इस ठगी के बारे में जानकारी मिलते ही पब्लिक लोकपाल ने जब पड़ताल की तब जो खुलासा हुआ वह हैरतअंगेज था।

असल में इस पड़ताल में 'ऑनलाइन सर्विसेज आल इन इंडिया' का नाम सामने आया जो नौकरी तलाश रहे गरीब बेरोजगारों को नौकरी का झांसा देकर बाक़ायदा देवघर एयरपोर्ट पर जॉइनिंग दिलाने का दावा करता है। एक भुक्तभोगी से हुई बातचीत में पता चला कि ऑनलाइन सर्विस के नाम पर उनसे फ़ोन और व्हाट्सऐप के जरिये सारे डॉक्यूमेंट लेकर 24 घंटे बाद फॉर्म भर दिए जाने की सूचना दी गई। फ़ूड पैकेजिंग की नौकरी के बदले में पहले 530 रुपये का पेटीएम फॉर्म फीस भरने के लिए माँगा गया। जो किसी अंजलि कुमारी के नंबर पर भुक्तभोगी ने भेज भी दिया, (पब्लिक लोकपाल के पास इसकी रसीद मौजूद है)। बाद में एक दस्तावेज व्हाट्सऐप पर भेजकर भुक्तभोगी को इंडिगो की तरफ से फ़ूड पैकेजिंग के लिए बतौर ट्रेनी नियुक्त किये जाने का भरोसा दिया गया। दस्तावेज में 25 जून को उन्हें तीन दिवसीय कार्यशाला के लिए आने की बात कही गई थी। इस एवज में भुक्तभोगी से फिर से 3250 रुपये की धनराशि उसी नंबर पर माँगा गया जो भुक्तभोगी ने दिया भी (पब्लिक लोकपाल के पास इसकी भी रसीद मौजूद है)। बाद में 25 जून को एयरपोर्ट आने से पहले उनसे फिर से 4100 रूपये की धनराशि पेटीएम करने की मांग की गई। इस बार भुक्तभोगी ने यह राशि देने से इंकार कर दिया। 

इस बीच पब्लिक लोकपाल ने देवघर एयरपोर्ट के डायरेक्टर संदीप ढींगरा से फ़ोन पर बात की जिसने ऐसी किसी भी बहाली को सिरे से ख़ारिज कर दिया। इंडिगो की वेबसाइट पर भी ऐसी किसी भर्ती का कोई ज़िक्र नहीं है। तफ्तीश के दौरान इंडिगो की आधिकारिक वेबसाइट पर एक फेक ऑफर के खिलाफ स्पष्टीकरण मिला जिसे नीचे देखा जा सकता है। 


हैरानी की बात यह है कि देवघर एयरपोर्ट पर नौकरी दिलाने के नाम पर गरीब बेरोजगारों को झांसा दिया जा रहा है और नौकरी माफियाओं का गोरखधंधा शासन-प्रशासन की नाक के नीचे फलफूल रहा है, जिसकी खबर या तो उसे है नहीं या फिर सब जानते-बूझते वह भी इस तरफ से आँख-कान बंद कर बेरोजगारों को खुले आम ठगे जाने के लिए राम भरोसे छोड़ चुका है।

(पब्लिक लोकपाल एक्सक्लूसिव)

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