आईटी अधिनियम की धारा 66 ए के तहत सरकारों को सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस

Public Lokpal
August 02, 2021

आईटी अधिनियम की धारा 66 ए के तहत सरकारों को सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस


नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और सभी उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रार जनरल को एक एनजीओ की याचिका पर नोटिस जारी कर सवाल किया कि लोगों पर अभी भी सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 ए के तहत मामला क्यों दर्ज किया जा रहा है? बता दें कि 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले से इस धारा को खत्म कर दिया था।

जस्टिस आरएफ नरीमन और बीआर गवई की पीठ ने कहा कि चूंकि पुलिस राज्य का विषय है, इसलिए बेहतर होगा कि सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को पक्ष बनाया जाए और हम एक व्यापक आदेश पारित कर सकते हैं ताकि मामला एक बार में सभी के लिए सुलझ जाए"।

एनजीओ पीयूसीएल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पारिख ने कहा कि इस मामले में दो पहलू हैं, एक पुलिस है और दूसरा न्यायपालिका है जहां अभी भी ऐसे मामलों की सुनवाई चल रही है।

पीठ ने कहा कि जहां तक ​​न्यायपालिका का सवाल है वह इसका ध्यान रख सकती है और सभी उच्च न्यायालयों को नोटिस जारी करेगी। शीर्ष अदालत ने मामले को चार सप्ताह बाद आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

5 जुलाई को, शीर्ष अदालत ने कहा था कि यह "अद्भुत" और "हैरतअंगेज" है कि लोगों पर अभी भी सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 ए के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है, जिसे 2015 में शीर्ष अदालत के फैसले से रद्द कर दिया गया था।

रद्द की गई धारा के तहत आपत्तिजनक संदेश पोस्ट करने वाले व्यक्ति को तीन साल तक की कैद और जुर्माना भी हो सकता है।